Poem describes the torn up world of ours. Poem describes the torn up world of ours.
महामारी जो आज है पूरी दुनिया में फैली... उसे हम सबको मिलकर है हराना है ! महामारी जो आज है पूरी दुनिया में फैली... उसे हम सबको मिलकर है हराना है !
मेरे आँगन में बिख़री ख़ामोशी को समेट दे आकेतेरे बाद, मेरे घर में तन्हाई का वास हो गया है मेरे आँगन में बिख़री ख़ामोशी को समेट दे आकेतेरे बाद, मेरे घर में तन्हाई का वास हो ...
आज देश अनेकों समस्याओं से जूझ रहा है इस कविता के माध्यम से कवि उन युवाओं से निंद्रा तोड़ने का आह्वाहन... आज देश अनेकों समस्याओं से जूझ रहा है इस कविता के माध्यम से कवि उन युवाओं से निंद...
जो बेचैनी सी है मेरे दिल में वो तुम नही समझोगी। जो बेचैनी सी है मेरे दिल में वो तुम नही समझोगी।
एक ग़ज़ल...। एक ग़ज़ल...।